Apr 07, 2024
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करने और व्रत आदि करने का विधान है। इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है।
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नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने का विधान है।
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कलश स्थापना के बिना नवरात्रि के 9 दिनों की पूजा अधूरी मानी जाती है। यह कलश पहले दिन से लेकर 9वें दिन तक घर में रखा जाता है।
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दशमी तिथि के दिन कलश का विसर्जन कर दिया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कलश की स्थापना क्यों की जाती है और क्या है इसका महत्व:
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दरअसल, हिंदू धर्म में कलश को मातृ शक्ति, त्रिदेव, त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि उसमें ब्रह्मा विष्णु, शिव के अलावा सभी देवी-देवताओं का वास होता है।
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चैत्र नवरात्रि की पूजा से पहले कलश स्थापना करते हैं। ऐसे में मान्यता है कि, सभी देवी और देवता उस पूजा और व्रत के साक्षी बन जाते हैं।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश को तीर्थ का प्रतीक भी माना जाता है। कलश के मुख में विष्णु, कंठ में शिव और मूल में ब्रह्मा देव का वास होता है।
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हिंदू धर्म के अनुसार, कलश में भरा पानी पवित्रता, शीतलता और स्वच्छता का प्रतीक होता है।
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