क्यों की जाती है नवरात्रि में कलश स्थापना? जानें महत्व

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करने और व्रत आदि करने का विधान है। इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है।

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने का विधान है।

कलश स्थापना के बिना नवरात्रि के 9 दिनों की पूजा अधूरी मानी जाती है। यह कलश पहले दिन से लेकर 9वें दिन तक घर में रखा जाता है।

दशमी तिथि के दिन कलश का विसर्जन कर दिया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कलश की स्थापना क्यों की जाती है और क्या है इसका महत्व:

दरअसल, हिंदू धर्म में कलश को मातृ शक्ति, त्रिदेव, त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि उसमें ब्रह्मा विष्णु, शिव के अलावा सभी देवी-देवताओं का वास होता है।

चैत्र नवरात्रि की पूजा से पहले कलश स्थापना करते हैं। ऐसे में मान्यता है कि, सभी देवी और देवता उस पूजा और व्रत के साक्षी बन जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश को तीर्थ का प्रतीक भी माना जाता है। कलश के मुख में विष्णु, कंठ में शिव और मूल में ब्रह्मा देव का वास होता है।

हिंदू धर्म के अनुसार, कलश में भरा पानी पवित्रता, शीतलता और स्वच्छता का प्रतीक होता है।