मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। लेकिन ज्येष्ठ माह में आने वाले मंगलवार का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस माह में आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है।
आज साल का पहला बड़ा मंगल है। ऐसे में आइए जानते हैं क्यों खास है बड़ा मंगल और कब-कैसे इसे मनाने की परंपरा शुरू हुई थी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन हनुमान जी के वृद्ध रूप की पूजा करने की परंपरा है। महाबली हनुमान जी के साथ इस दिन भगवान राम की भी पूजा करने का महत्व है।
बड़े मंगल को लेकर मान्यता है कि भगवान राम पहली बार हनुमान जी से ज्येष्ठ मास के मंगलवार के दिन ही मिले थे, जिसके चलते ज्येष्ठ माह के दौरान पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है।
बड़ा मंगल का पर्व उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि बुढ़वा मंगल को पर्व के रूप में माने की परंपरा यहीं से शुरू हुई थी।
इसे लेकर एक कहानी है कि करीब 400 वर्ष पहले अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत खराब हो गई थी। काफी इलाज के बाद भी उनकी सेहत में कुछ बदलाव नहीं हुआ।
इसके बाद नवाब मोहम्मद अली शाह की बेगम को ज्येष्ठ माह के मंगलवार को अलीगंज के प्राचीन हनुमान मंदिर में दुआ मांगने की सलाह दी गई। उन्होंने जब ऐसा किया तो कुछ ही समय में उनके बेटे की तबीयत पूरी तरह से ठीक हो गई।
इसके बाद मोहम्मद अली ने हनुमान मंदिर की मरम्मत कराई जिसका काम ज्येष्ठ माह में पूरा हुआ। हनुमान जी को नवाब ने गुड़ और धनिया का भोग लगाया फिर उस प्रसाद को लोगों में बांट दिया। इसी के बाद से ये पर्व हर साल मनाया जाने लगा।