May 28, 2024
इस्लाम के पांच फर्ज कामों में एक हज होता है। बाकी के चार फर्ज हैं- कलमा, रोजा, नमाज और जकात। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हर मुस्लिमों के लिए जीवन में एक बार हज करना जरूरी माना जाता है।
Source: makkah__madinah/instagram
सऊदी अरब के मक्का में हर साल दुनियाभर के लाखों मुसलमान हज के लिए इकठ्ठा होते हैं। हज इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने के 8वें दिन से 13वें दिन के बीच किया जाता है। हज में पांच दिन लगते हैं और ये बकरीद यानी ईद उल अदहा के साथ पूरी होती है।
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हज यात्रा करने वालों का एक विशेष पहनावा होता है। मक्का शहर में पहुंचने से पहले सभी लोग एक खास तरह का कपड़ा पहनते हैं। इस कपड़े को अहराम कहा जाता है।
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अहराम सिला हुआ नहीं होता है, यह सफेद रंग का कपड़ा होता है। बताया जाता है कि अहराम कपड़ा इस बात का प्रतीक है कि अल्लाह के सामने अमीर-गरीब सभी एक बराबर हैं।
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इस अहराम का उद्देश्य तीर्थयात्रियों के बीच एक्ता की भावना को बढ़ाना भी है। इससे एक दूसरे के बीच भाईचारा बढ़ता है।
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हालांकि, महिलाओं को अहराम पहनने की जरूरत नहीं होती, वो परंपरागत सफेद या काले रंग के कपड़े पहनती हैं और अपना सिर ढंकती हैं।
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बता दें, हज एक अरबी शब्द है, जिसे आसान भाषा में समझा जाए तो इसका मतलब होता है किसी जगह के लिए निकलने का इरादा करना। दिल से अल्लाह के घर की जियारत और इबादत का इरादा करना।
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साल 628 में पैगंबर मोहम्मद साहब ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की थी। ये यात्रा ही इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी जिसे बाद में हज कहा गया।
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