जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया, उस दिन को क्यों कहते हैं 'गुड फ्राइडे'

गुड फ्राइडे, जिसे 'ब्लैक फ्राइडे', 'होली फ्राइडे' या 'ग्रेट फ्राइडे' भी कहा जाता है, ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है। गुड फ्राइडे एक तरह से शोक मनाने का त्योहार और ईसा मसीह के बलिदान का प्रतीक है।

यह वह दिन है जब ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया उस दिन शुक्रवार था। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहे होंगे कि सूली पर चढ़ाना शोक की बात है तो इसे गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है?

ईसाइयों की मान्यता के अनुसार, ईसा मसीह लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे। लेकिन धार्मिक अंधविश्वास करने वाले लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया।

इसके बाद रोमन शासक पीलातुस ने ईसा मसीह को मृत्युदंड देते हुए उन्हें कांटों का ताज पहनाया और कोड़े मारे थे। इसके बाद में उन्हें कीलों की सहायता से सूली पर लटका दिया गया था।

ईसाईयों का मनना है कि इस दिन ईसा मसीह ने पूरी दुनिया से बुराई को खत्म करने के लिए कुर्बानी दी थी। इसलिए मानव समाज को प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने के लिए गुड फ्राइडे का त्योहार मनाया जाता है।

गुड फ्राइडे का अर्थ पवित्र शुक्रवार है, जिसे ईसा मसीह के मृत्यु दिवस के तौर पर याद किया जाता है। ये दिन खुशी का नहीं बल्कि शोक का दिन होता है। इस दिन ईसाई लोग गिरजाघर जाकर ईसा मसीह को याद करते हैं।

इस दिन प्रार्थना में ईसा मसीह द्वारा कहे गए सात आखिरी वाक्य पढ़े जाते हैं। इस दौरान ईसा मसीह के प्रतीक चिन्ह क्रॉस को चूमकर उन्हें याद करते हैं।

इस दिन ईसाई लोग व्रत रखते हैं और कई लोग मांस खाने से भी परहेज करते हैं। इस दिन चर्च और ईसाई धर्म के लोगों के घरों से सजावट के सामानों को हटा लिया जाता है।