कौन था रावण और कुंभकर्ण से भी खतरनाक लंका का राक्षस?

प्रभु श्री राम जब लंका माता सीता को वापस लेने गए तो वहां उनका सामना एक से बढ़कर एक राक्षसों से हुआ।

लंका का सबसे ताकतवर राक्षस रावण और कुंभकर्ण को माना जाता है। लेकिन एक और राक्षस था जो इनसे भी ज्यादा शक्तिशाली था।

पौराणिक कथाओं के अनुसार लंका का सबसे ताकतवर योद्धा रावण का पुत्र मेघनाद था।

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार अगस्त्य मुनि ने भगवान श्रीराम को बताया था कि रामायण युद्ध का सबसे शक्तिशाली राक्षस रावण का पुत्र मेघनाद है।

मेघनाद लंका का इकलौता ऐसा योद्धा था जिसके पास ब्रह्मास्त्र, पशुपत्रास्त्र और वैष्णवास्त्र था।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब मेघनाद पैदा हुआ था तब उसके रोने की आवाज बिजली कड़कने जैसी थी जिसके कारण रावण ने उसका नाम मेघनाद रखा। मेघनाद का अर्थ होता है बादलों में कड़कती बिजली।

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार दानव-देवों के बीच हुए युद्ध में इंद्र को अकेले मेघनाद ने हरा दिया था जिसके बाद उसे इंद्रजीत कहा जाने लगा। इंद्र को आजाद करने के लिए मेघनाद ने ब्रह्मा जी से सदा अमर रहने का वरदान मांगा था।

हालांकि, ब्रह्मा जी ने उसे यह वरदान देने से इनकार कर दिया था। इसके बदलने उन्होंने मेघनाद को युद्ध में कभी पराजित नहीं होने का वरदान दिया। इस दौरान ब्रह्माजी ने यह भी कहा कि उसका वध ऐसे योद्धा के हाथों ही हो सकता है जो 14 वर्षों से ना सोया हो।

युद्ध में मेघनाद को लक्ष्मण ने मारा था जो वनवास के 14 वर्षों के दौरान कभी नहीं सोए थे।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के आधार पर हैं। jansatta.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।