कौन थी लोना चमारी जिससे जुड़ा है कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य

जिस तरह से लोग भगवान की शक्ति में विश्वास रखते हैं उसी तरह काफी लोग तंत्र विद्या या तांत्रिक शक्तियों में भी विश्वास रखते हैं।

तंत्र विद्या का नाम जब भी आता है तो इसमें कामाख्या देवी मंदिर का जरूर जिक्र होता है और जब भी इस मंदिर का नाम लिया जाता है तो लोना चमारी का भी नाम जुड़ जाता है।

शायद ही कोई ऐसा तांत्रिक हो जिसे लोना चमारी के बारे में न पता हो। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं लोना चमारी और इनसे कैसे जुड़ा है कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य।

तंत्र विद्या को मानने वाले पूरी दुनिया में हैं और पृथ्वी पर ये आज से नहीं बल्कि सदियों से मौजूद है और कामाख्या तो आदिकाल से ही तंत्र साधना के लिए विख्यात है।

लोना चमारी एक ऐसी औरत थीं जिन्हें तांत्रिक विद्या में महारथ हासिल थी। कहते हैं कि लोना चमारी चमारिन यानी हरिजन जाति से थीं।

कहा जाता है कि तंत्र मंत्र की विद्या लोना चमारी ने बचपन से ही लेनी शुरू कर दी थी। उनके गुरु इस्माइल जोगी थे जो कामाख्या के प्रख्यात तांत्रिक थे।

लोना चमारी तंत्र विद्या में इतनी निपुण हो गईं को उन्होंने अपने गुरु को भी पीछे छोड़ दिया। यहां तक कि आज भी बड़े से बड़े तांत्रिक और पंडित टोना झाड़ने के मंत्रों में लोना चमारी के नाम की दुहाई देते हैं।

यहां तक कि, विलियम क्रुक की किताब 'द पॉपुलर रिलीजन ऐंड फोकलोर ऑफ नॉर्दन इंडिया' और मलिक मुहम्मद जायसी की 'पद्मावत' जैसे महाकाव्य में भी लोना चमारी का जिक्र किया गया है।

भूत-प्रेत रक्षा, आदमखोर जानवरों से रक्षा, विषैले जीवों से रक्षा और वशीकरण जैसे तमाम प्रसंग में तांत्रिक जो मंत्र पढ़ते हैं उनमें लोना चमारी का नाम होता है। लोना चमारी का एक मंत्र भी है।

लोना चमारी ने कामाख्या देवी मंदिर में ही रहकर तंत्र विद्याएं सीखीं। उस दौर में वो न सिर्फ भारत बल्कि, अरब देशों में भी काफी मशहूर तांत्रिक थीं।