Feb 13, 2025
विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ में सब एक हो जाते हैं। ये न केवल एक आयोजन नहीं बल्कि आस्था, अध्यात्म और सामूहिकता की अद्भुत शक्ति का प्रतीक है।
Source: pti
महाकुंभ में यहां संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान और आम जन सब एक हो जाते हैं।
Source: pti
महाकुंभ को छोड़ने से पहले नागा साधु और संत कढ़ी-पकोड़ा खाकर विदा होते हैं।
Source: @Mahakumbh/Twitter
लेकिन क्या आपको पता है कि उनके लिए ये विशेष कढ़ी और पकोड़ा कौन तैयार करता है।
Source: pti
इस कढ़ी और पकोड़े को तैयार करने की जिम्मेदारी वहां के स्थानीय मूल निवासी समुदाय की होती है।
Source: express-archives
प्रयागराज के नाई व उनके परिवार के सदस्य साधु-संतों के लिए कढ़ी-पकोड़ा बनाते हैं।
Source: express-archives
महाकुंभ मेले से अपने मूल स्थान पर लौटने से पहले साधु बिना कढ़ी-पकौड़ी खाए प्रस्थान नहीं करते हैं।
Source: pti
कढ़ी और पकोड़े को शुद्ध और सात्विक माना जाता है। इसे बनाने के लिए शुद्ध सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है।
Source: @Mahakumbh/Twitter
मान्यता है कि इस साधु-संतों को कढ़ी-पकौड़ी खिलाकर विदा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।
Source: @Mahakumbh/Twitter
Magh Purnima पर किन चीजों का करना चाहिए दान, चंद्र दोष हो सकता है दूर