महाकुंभ मेला सनातन परंपरा और भारतीय संस्कृति का एक बड़ा धार्मिक आयोजन है।
इसके साथ ही ये दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है जिसकी शुरुआत प्रयागराज में 13 जनवरी से हो चुकी है और इसका समापन 26 फरवरी को होगा।
लेकिन क्या आपको पता है कि कुंभ कितने तरह के होते हैं? ये सवाल अक्सर परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि कुंभ कितने तरह का होता है? ये सवाल अक्सर परीक्षाओं में भी पूछा जाता है।
दरअसल, कुंभ चार तरह के होते हैं कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ। आगे की स्लाइड में जानें इनका मतलब।
कुंभ हर 12 साल में प्रयागराज के साथ हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में लगता है।
अर्धकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयागराज और हरिद्वार में होता है। दोनों ही जगहों पर ये हर 6 साल के बाद लगता है।
पूर्ण कुंभ का आयोजन हर 12 साल पर सिर्फ प्रयागराज में होता है।
महाकुंभ का आयोजन भी सिर्फ प्रयागराज में होता है। ये 12 पूर्ण कुंभ लग जाने के बाद (144 साल बाद) आता है जिसे महाकुंभ मेला कहते हैं।