सोमनाथ मंदिर, भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग है और यह अरब सागर के किनारे बना है। ये गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल के प्रभास पाटन में स्थित है।
ये उज्जैन में स्थित है और एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है। इसे दक्षिण का काशी भी कहा जाता है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, नर्मदा नदी के मांधाता द्वीप पर स्थित है. इसे 'ओंकार पर्वत' या 'मांधता पर्वत' के नाम से भी जाना जाता है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग हिमालय की ऊंचाइयों पर स्थित है और पंचकेदार में सबसे प्रमुख है। इसे पांडवों द्वारा स्थापित माना जाता है।
इसे भीम नदी के पास होने के कारण भीमाशंकर नाम मिला।
काशी विश्वनाथ वाराणसी में स्थित है और सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे 'मोक्षदायिनी' भी कहा जाता है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक के पास गोदावरी नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है। यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की पूजा होती है।
ये देवघर में स्थित है और इसे 'कामना लिंग' भी कहा जाता है। माना जाता है कि यहां शिव ने रावण को वरदान दिया था।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग द्वारका के पास स्थित है। इसे 'द्वारकाधीश नागेश्वर' भी कहा जाता है।
ये हिंद महासागर के किनारे स्थित है। माना जाता है कि रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग को भगवान राम ने स्थापित किया था।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग एलोरा की गुफाओं के पास स्थित है। इसे 'घुसृणेश्वर' या 'धूषणेश्वर' भी कहा जाता है।