ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है।
आज सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।
मान्यता है कि इसी दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से वापस लेकर आई थीं। इसी के कारण वट सावित्री व्रत रखते हैं।
आज के दिन वट वृक्ष की पूजा करने के साथ-साथ कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत के दौरान क्या करें और क्या नहीं।
वट सावित्री व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं नीले, काले या सफेद रंग के वस्त्र बिल्कुल भी न पहनें।
आज के दिन जीवनसाथी से बिल्कुल भी किसी भी तरह का वाद-विवाद करने से बचें।
आज महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि बालों को न कटवाएं।
आज मांस-मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल न करें। शुद्ध सात्विक भोजन करें।
वट सावित्री व्रत की कथा पूरी सुनने के बाद ही उठना चाहिए। कभी भी बीच में छोड़कर नहीं जाएं।
वट वृक्ष की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि किसी को आपका पैर न छुएं। इससे पका व्रत खंडित हो सकती है।