ज्योतिष शास्त्र में मुख्यतय 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। वहीं 84 उपरत्नों का भी वर्णन मिलता है।
यहांं हम बात करने जा रहे हैं सुनहला रत्न के बारे में, जिसका संबंध गुरु बृहस्पति से माना जाता है। सुनहला, पुखराज का उपरत्न होता है।
सुनहला उपरत्न पुखराज की तुलना में काफी सस्ता आता है। आइए जानते हैं सुनहला धारण करने की सही विधि और किन राशि वालों को ये करता है सूट…
धनु राशि के जातक सुनहला धारण कर सकते हैं। क्योंकि गुरु आपकी राशि के स्वामी हैं। इसलिए सुनहला पहने से आपको सुख- समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
मीन राशि के जातकों को सुनहला लकी स्टोन साबित हो सकता है। क्योंकि आपकी राशि पर गुरु ग्रह का आधिपत्य है। इसलिए सुनहला धारण करने से आपको करियर और कारोबार में तरक्की मिल सकती है।
आप लोगों के लिए सुनहला भाग्य रत्न साबित हो सकता है। साथ ही सुनहला धारण करने से आपको आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। साथ ही धन- दौलत में वृद्धि हो सकती है।
सुनहला रत्न करियर और व्यापार में लाभ देता है। जो लोग सुनहला रत्न धारण करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
सुनहला को बाजार से कम से कम 8 से सवा 8 रत्ती का खरीदकर लाना चाहिए। साथ ही सुनहला को चांदी के धातु में अंगूठी का लॉकेट बनबाकर धाऱण कर सकते हैं। वहीं सुनहला को गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए।