इस मंदिर में 500 सालों से नहीं जलाई गई माचिस, फिर भी हर दिन होती है पूजा और हवन

भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं जो अलग-अलग कारणों से पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इनमें से एक मंदिर उत्तर प्रदेश में है जहां पिछले 500 सालों से माचिस नहीं जलाई गई है।

यह मंदिर श्री कृष्ण की नगरी वृन्दावन में स्थित श्री राधारमण मंदिर है, जो प्राचीन मंदिरों में से एक है।

ये मंदिर लगभग 500 साल पुराना है और यहां ठाकुर राधारमण लालजू जी के दर्शन करने के लिए हर दिन हजारों की संख्‍या में भक्‍त आते हैं।

इस मंदिर में हर रोज भगवान की पूजा होती है, दीपक-धूपबत्ती भी जलाई जाती है और भगवान के लिए हर दिन भोग भी बनाया जाता है। लेकिन इनमें से किसी भी कार्य के लिए आज तक माचिस नहीं जलाई गई।

एक पॉडकास्ट में इस मंदिर में पूजा करने वाले पुंडरिक गोस्वामी महाराज ने मंदिर के इतिहास के बारे में बात करते हुए कहा था कि राधारमण लाल जू करीब 500 साल पहले यहां शालिग्राम शिला से प्रकट हुए थे।

चैतन्य महाप्रभु के शिष्य और भगवान कृष्ण के परम भक्त गोपाल भट्ट गोस्वामी की भक्ति से लगभग 482 साल पहले जब राधारमण लालजू प्रकट हुए तो उनकी पूजा के लिए अग्नि की आवश्यकता पड़ी।

उस समय गोपाल भट्ट जी ने ऋग्वेद से अग्नि ऋचा का पाठ कर हवन की लकड़ियों को घिस कर अग्नि प्रज्वलित की थी। उसी प्रज्जवल‍ित हुई अग्‍नि को इस मंदिर में आजतक रखा गया है।

मंदिर में बनने वाले भोग से लेकर पूजा में प्रयोग की जाने वाली दीपक तक, सब इसी अग्‍न‍ि से प्रज्‍जवल‍ित क‍िए जाते हैं। इस अग्नि को ईंधन की मदद से जालाए रखा जाता है।