हस्तरेखा शास्त्र में शनि रेखा का विशेष महत्व है। आपको बता दें कि इस रेखा को भाग्य रेखा भी कहा जाता है।
कहते हैं कि लकी लोगों के हाथ में ही ऐसी रेखा और निशान होते हैं। और ये लोग भविष्य में अकूत धन- संपत्ति के मालिक भी बनते हैं।
साथ ही इन लोगों पर शनि देव की विशेष कृपा होती है। जानिए ये रेखा कहां से होती है शुरू और क्या है इसका महत्व…
हाथ में शनि रेखा मणिबंध या हाथ के मध्य भाग से आरंभ होती है और शनि पर्वत तक जाती है। आपको बता दें हथेली की मध्यमा उंगली के नीचे वाला स्थान शनि पर्वत कहलाता है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में कलाई के ऊपरी भाग से शनि या भाग्य रेखा निकलकर सीधे बिना कटे शनि पर्वत पर पहुंच जाए तो ये बेहद शुभ माना जाता है।
ऐसे लोग भाग्य के धनी होते हैं। साथ ही ये लोग बेहद मेहनती और कर्मठ होते हैं। ऐसे लोगों में संघर्ष करने की भी अच्छी क्षमता होती है।
अगर किसी व्यक्ति के हाथ पर भाग्य रेखा और चंद्र रेखा एक साथ मिलकर शनि पर्वत तक पहुंचती है तो ऐसे लोगों लोकप्रिय होते हैं।
साथ ही समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। साथ ही ऐसे लोग जीवन में सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करते हैं।
अगर शनि पर्वत पर मछली, वर्ग या त्रिभुज जैसा निशान हो तो व्यक्ति जीवन में कई संपत्तियों का मालिक बनता है।