हस्तरेखा शास्त्र अनुसार किसी व्यक्ति के हाथ को पढ़कर उसके भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में पता लगाया जा सकता है।
साथ ही व्यक्ति का नेचर, वैवाहिक जीवन और आर्थिक स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है।
यहां हम बात करने जा रहे हैं शनि वलय के बारे में, आपको बता दें कि शनि मुद्रा होती है, ऐसा व्यक्ति धन- दौलत का त्याग करके सन्यासी बन जाता है। आइए जानते हैं शनि वलय के बारे में और जीवन पर इसका प्रभाव…
यदि कोई अंगूठी के समान रेखा शनि के पर्वत को घेरती है और जिसका एक सिरा तर्जनी और मध्यमा के बीच में तथा दूसरा सिरा मध्यमा और अनामिका के बीच में जाता है, तो उसे शनि वलय या शनि मुद्रा कहते हैं।
हस्तरेखा शास्त्र अनुसार जिस व्यक्ति के हाथ में ऐसी मुद्रा होती है, वह व्यक्ति वातरोगी हो सकता है। साथ ही ऐसे लोग धन- दौलत को त्याग कर सन्यासी बन जाता है।
शनि वलय शुभ नहीं माना जाता है। ये लोग 25 साल बाद भौतिक सुखों का त्याग कर देते हैं। साथ ही ये लोग आध्यात्म से जुड़ जाते हैं। ये लोग अच्छे विचारक होते हैं।
यदि शनि वलय कोई रेखा भाग्य रेखा को स्पर्श नहीं करती तो वह व्यक्ति अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त कर लेता है। लेकिन यदि शनि वलय की कोई रेखा भाग्य रेखा को स्पर्श करती हो तो वह व्यक्ति जीवन में कई बार गृहस्थ बनता है।
हस्तरेखा शास्त्र जिन लोगों के हाथों में शनि वलय होता है, वे लोग आस्तिक होते हैं। साथ ही ये लोग भगवान की भक्ति में अपने आप को समर्पण कर देते हैं।
ये लोग हर परिस्थिति में खुश रहते हैं। साथ ही ये लोग ज्योतिष में भी रूचि रखते हैं।