Apr 08, 2024
भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जिनका संबंध महाभारत या रामायण से है। इनमें से एक स्थान का संबंध रावण और भगवान शिव से बताया जाता है।
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दरअसल, झारखंड राज्य में एक तालाब है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह तालाब रावण के पेशाब से बना है। ये तालाब झारखंड के वैद्यनाथ मन्दिर के पास है।
Source: Baba Baidyanath Dham, Deoghar, Jharkhand/Facebook
वैद्यनाथ मन्दिर में भगवान शिव का काफी प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है कि यहां जो शिवलिंग है वो रावण लेकर आया था।
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दरअसल, रावण भगवान शिव का बड़ा भक्त था। उसने अपनी भक्ति और तपस्या से महादेव को प्रसन्न किया और भगवान शिव से साथ लंका चलने का आग्रह करने लगे।
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इस पर भगवान शिव ने कहा कि वे उनके साथ चलने को तैयार हैं, लेकिन शिवलिंग के रूप में। साथ ही भगवान ने रावण को यह भी हिदायत दी कि रास्ते में कहीं भी शिवलिंग को रखना नहीं है। ऐसा करने से वह शिवलिंग वहीं स्थापित हो जायेगा और उठेगा भी नहीं।
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रावण को अपनी शक्ति पर गुमान था और वो भी शिवलिंग लेकर चल पड़ा। यह सारा वृत्तांत देखकर देवता घबरा गए और भगवान विष्णु के पास पहुंचे और इस अनर्थ को रोकने की प्रार्थना की।
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इसके बाद भगवान विष्णु बालक रूप में रावण के सामने प्रकट हुए। उसी समय रावण को लघुशंका लगी और उसने बालक से अनुरोध किया कि जब तक वह लघुशंका करके वापस न आ जाए तब तक वह शिवलिंग को अपने हाथों में पकड़े रखे।
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इस बीच रावण ने इतना पेशाब किया कि वहीं तालाब बन गया। यह तालाब देवघर स्थित वैद्यनाथ मन्दिर में आज भी है। इस तालाब को वहां रावण की पेशाब का तालाब कहा जाता है जिसका पानी कोई इस्तेमाल नहीं करता है।
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वहीं, जहां रावण पेशाब करके वापस लौटा तो उसने देखा कि बालक शिवलिंग को जमीन पर रखकर चला गया। यानी विष्णु भगवान शिवलिंग को वहां छोड़कर चले गए।
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रावण इस बात से दुखी हुआ और शिवलिंग को उठाने की कोशिश करने लगा। मगर भगवान शिव के वचन के हिसाब से शिवलिंग उठ नहीं पाया। आज उसी शिवलिंग की वैद्यनाथ मन्दिर में पूजा होती है।
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