राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक हो गया है। लेकिन क्या आपको पता है भगवान श्री राम का कितने तरह से तिलक किया जाता है। नहीं, तो आइए जानते हैं:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तिलक लगाने से भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
रामलला को चंदन का तिलक हर रोज लगाया जाता है। इसे शीतल और पवित्र माना जाता है। ये भगवान राम को शांति और समृद्धि प्रदान करने का प्रतीक है।
अष्टगंध का तिलक त्योहारों और पूजा के दौरान लगाया जाता है। ये चंदन, कपूर, केसर, अगर, जायफल, लौंग, इलायची और गोरोचन को मिलाकर बनाया जाता है।
विभूति का तिलक शिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर लगाया जाता है। इसे भगवान राम को शक्ति और आत्म-संयम प्रदान करने का प्रतीक बताया गया है।
केसर का तिलक भी विशेष अवसरों पर लगाया जाता है। इसे शुभ और समृद्धि के साथ ही भगवान राम के आशीर्वाद और सौभाग्य प्रदान करने का प्रतीक बताया गया है।
हल्दी का तिलक विवाह, जन्मदिन और इस तरह के अन्य शुभ अवसरों पर लगाया जाता है।
इसके अलावा भगवान राम को तरह-तरह के फूलों और पत्तियों से भी तिलक लगाया जाता है।
भगवान राम को सिंदूर का तिलक विशेष रूप से होली के त्योहार पर लगाया जाता है। ये भगवान राम को हर्ष और उल्लास प्रदान करने का प्रतीक है।