भगवान राम की जन्मभूमि में राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। इस खास मौके पर अगर सरयू नदी का जिक्र न हो। ऐसा हो नहीं सकता।
अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।
इसी सरयू नदी में भगवान राम से जल समाधि ले ली थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका पानी पूजा-पाठ में क्यों इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
श्री राम के जल समाधि लेने से भोलेनाथ सरयू नदी पर काफी क्रोधित हो गए थे। इसके साथ ही उन्होंने शाप दे दिया था।
पुराणों के अनुसार, भगवान राम से सरयू नदी में ही जल समाधि ली थी। इसके साथ ही राम युग का समापन हो गया था।
शिव जी ने शाप देते हुए कहा कि तुम्हारा जल किसी भी मंदिर या फिर पूजा-पाठ में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
इसके बाद सरयू भगवान शिव से बोले कि हे प्रभु इसमें मेरा क्या दोष है। यह तो विधि का विधान है। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकती।
मां सरयू की विनती सुनकर भगवान शिव शांत हुए और उन्होंने कहा कि मैं दिया हुआ शाप वापस नहीं ले सकता हूं।
लेकिन जब कोई व्यक्ति सरयू नद में स्नान करेगा, तो उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी। इससे भक्तों का उद्धार होगा।