गौरी पुत्र भगवान श्री गणेश को सुख, समृद्धि, वैभव, विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता का प्रतीक माना जाता है।
गणेश जी की पूजा किसी भी शुभ या मांगलिक काम से पहले और बुधवार के दिन की जाती है।
भगवान गणेश जी को मोदक, सिंदूर, दूर्वा आदि अर्पित करना चाहिए। लेकिन इन चीजों को बिल्कुल भी न चढ़ाएं।
गणेश जी से तुलसी के विवाह को प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके कारण तुलसी जी ने दो विवाह का शाप दिया था। इसी के कारण गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाते।
गणेश जी को कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। हमेशा संपूर्ण अक्षत चढ़ाना चाहिए।
पिता शिव जी को केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित है। इसलिए गणेश जी को भी नहीं चढ़ाया जाता है।
एक बार चंद्र देव ने गणेश जी के स्वरूप को लेकर उपहास किया था। जिसके कारण गणेश जी ने उन्हें शाप दे दिया था। सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा है। इसलिए गणेश जी न चढ़ाएं।
कभी भी गणेश जी को सूखे, मुरझाए हुए फूल या माला नहीं चढ़ाना चाहिए । इससे दरिद्रता साथ नहीं छोड़ती है।