देवी महागौरी को लगाए इस चीज का भोग, इन मंत्रों के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा

नवरात्रि के अष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन ही कन्या पूजान करने का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं मां महागौरी को भोग में क्या चढ़ाएं और आरती में किन मंत्रों का जप फलदायी बताया गया है।

मान्यताओं के अनुसार महागौरी की विधिवत पूजा करने से धन-संपदा और सुख-समृद्धि के साथ ही लंबी आयु का वरदान मिलता है।

भोग

मां महागौरी का प्रिय भोग नारियल है। अष्टमी के दिन नारियल की बर्फी और लड्डू के भी भोग लगाना चाहिए। साथ ही हलवा, पूरी और चने का भी भोग लगाया जाता है।

अति प्रिय है ये फूल

मान्यताओं के अनुसार मां महागौरी को मोगरे का फूल अति प्रिय है।

ध्यान मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां महागौरी की ध्यान

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥

स्तोत्र पाठ

सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्। ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥ सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्। डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥ त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

कवच

ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो। क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥ ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥

आरती

जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया।।ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥