चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है।
'ब्रह्म' का अर्थ तपस्या है और 'चारिणी' का अर्थ आचरण करने वाली यानी तप का आचरण करने वाली देवी।
मान्यताओं के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी का ये स्वरूप माता पार्वती का अविवाहित रूप है।
शास्त्रों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में कुछ चीजों के भोग लगाने से भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहती है।
वहीं, मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार चीनी का भोग लगाने से भक्तों को लंबी आयु प्राप्त होती है और वह निरोगी रहता है।
इसके साथ ही मिश्री और पंचामृत का भी भोग लगा सकते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी को कमल और गुड़हल के फूल बेहद पसंद है। पूजा में इन दोनों फूलों को अवश्य माता को अर्पति करना चाहिए।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, माता को दूध और दूध से बने व्यंजन भी अति प्रिय हैं।