भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह- तरह से पूजा- अर्चना करते हैं। जिसके लिए कुछ लोग भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं।
तो वहीं कुछ लोग भगवान शिव को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित कर प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन क्या आपको बता हैं कि भगवान शिव की पूजा करते समय वास्तु से जुड़ी कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए,
क्योंकि अगर आप ये गलतियां करते हैं तो महादेव रुष्ट हो सकते हैं। आइए जानते हैं ये गलतियां कौन सी हैं…
शिवपुराण के अनुसार, महादेव ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था। इस लिए शंख का प्रयोग शिव पूजा में वर्जित है।
अगर आप भगवान शिव का चित्र घर में लगाते हैं तो उसमें कार्तिकेय जी का होना अनिवार्य है। क्योंकि अधिकांश चित्र में देखा गया है कि उसमें गणेश जी और मां पार्वती तो होती हैं लेकिन कार्तिकेय नहीं होते हैं। जबकि कार्तिकेय जी भी भगवान शिव के पुत्र हैं। इसलिए इस बात खास ध्यान रखें।
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर टूटे चावल, सिंदूर, हल्दी, तुलसी, टूटे चावल, शंख से जल, केतकी, चंपा, केवड़ा के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं। साथ ही उनका क्रोध आपको झेलना पड़ सकता है।
भोलेनाथ की पूजा करते समय साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही भगवान की मूर्ति या चित्र के पास भी साफ- सफाई रखनी चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष लग सकता है।
शास्त्रों के अनुसार भोलेनाथ की चित्र या मूर्ति को उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। क्योंकि भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत उत्तर दिशा में स्थित है। ऐसा करने से आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
भगवान शिव की क्रोध मुद्रा में तस्वीर या मूर्ति घर में लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि क्रोध मुद्रा में भगवान शिव विनाश के प्रतीक हैं। इसलिए ऐसी तस्वीर लगाने से वास्तु दोष लगता है। साथ ही घर में लड़ाई- झगड़े का माहौल रहता है।