Jan 17, 2025
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ इस साल 13 जनवरी 2025 से आरंभ हुआ और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा।
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इस मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर आकर डुबकी लगाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं 14 जनवरी 2025, मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ का पहला अमृत स्नान किया गया। इस दिन ब्रह्ममहूर्त में प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
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महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों पर होता है और इस बार यह मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में लगा है। ज्योतिष की मानें तो इस बार महाकुंभ पर 144 वर्षों बाद अद्भुत संयोग बना है।
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महाकुंभ के दौरान स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान और दान करने का असर पूरे जीवन रहता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्त होती है।
ऐसे में अगर आप भी महाकुंभ में डुबकी लगाने जा रहे हैं तो इससे पहले आपको जान लेना चाहिए कि त्रिवेणी संगम में कितनी बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करते समय कम से कम 5 बार डुबकी लगानी चाहिए तभी पुण्य का फल मिलता है।
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डुबकी लगाते समय जातक को 'ऊँ नमः शिवाय' और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' जैसे मंत्रों का जाप करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है।
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हालांकि कभी-कभी कुछ लोग कोई मन्नत रखते हैं और उसे पूरा होने पर कुंभ या गंगा में 11, 21 या 51 बार डुबकी लगाते हैं।
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