माघ पूर्णिमा पर क्या है स्नान का महत्व?

प्रयागराज के महाकुंभ में एक बार फिर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। दरअसल, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा है और इस मौके पर लोग स्नान के लिए भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।

माघ पूर्णिमा के दिन स्नान का बेहद ही खास महत्व है। आइए जानते हैं:

माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ में शाही स्नान होता है जो पांचवा अमृत स्नान होगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा पर देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और मानव रूप में त्रिवेणी संगम में स्नान व जप-तप करते हैं।

इसके साथ ही मनोकामना पूर्ति, मोक्ष प्राप्ति आदि के लिए भी माघ पूर्णिमा स्नान बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

वहीं, जो लोग पौष पूर्णिमा के दिन कल्पवास की शुरुआत करते हैं वो माघ पूर्णिमा पर इसका समापन करते हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना की जाती है।

माघ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-पुण्य के कार्य शुभ और फलदायी माने जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

वहीं, ये भी मान्यता हैं कि संगम में माघ पूर्णिमा के दिन स्नान करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और कई गुना ज्यादा पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।