गृह प्रवेश
गृह प्रवेश के वक्त दुल्हन चावलों से भरे कलश को गिराकर घर के अंदर जाती है।
गृह प्रवेश के वक्त दुल्हन चावलों से भरे कलश को गिराकर घर के अंदर जाती है।
इसके पीछे का महत्व अधिकतर लोगों को नहीं पता होता है।
घर की बहू और बेटी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है।
चावल को शुभ और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है।
जब दुल्हन के पैर मारने से चावल घर में बिखरते हैं तो इसे सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है।
दुल्हन से घर में प्रवेश करवाते वक्त उसके पैरों के निशान भी छापे जाते हैं। जिससे घर में लक्ष्मी का आगमन हो।
कहा जाता है कि घर की बहू का सम्मान करने से घर में खुशियां रहती हैं। इसलिए उसका स्वागत भी पूरे सम्मान के साथ किया जाता है।
जिस वक्त लड़की अपने पति के साथ शादी के बंधन में बंधती है, उसी पल से उसकी किस्मत अपने ससुराल से जुड़ जाती है।