दक्षिणमुखी घर को क्यों माना जाता है अनलकी? जानें वास्तु नियम

वास्तु के अनुसार, घर में सुख-संपदा और खुशियां बने रहें, तो इसके लिए कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।

वास्तु और ज्योतिष में मान्यता है कि घर लेते या बनवाते समय दिशा का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

वास्तु के अनुसार, कभी भी दक्षिणमुखी घर नहीं लेना चाहिए। जानें इसका कारण और निवारण

नकारात्मक ऊर्जा

दक्षिण दिशा को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है। इसलिए इस दिशा में घर लेने की मनाही है।

यम की दिशा

वास्तु में दक्षिण दिशा को यम की दिशा मानी जाती है। इसके अलावा पितरों की दिशा भी मानी जाती है। ऐसे में वित्त, रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है।

क्या कहता है विज्ञान

इस दिशा में रहने से जीवन में किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है। किसी भी घर की दिशा जलवायु और भौगोलिक क्षेत्रों में समान महत्व नहीं रख सकती है।

उत्तर दिशा है सबसे सही

वास्तु शास्त्र में उत्तर को घर के लिए सबसे अनुकूल दिशा माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह की अनुमति देता है।

दक्षिणमुखी घर के लिए वास्तु नियम

घर के बाहरी दीवार में लाल या नारंगी रंग का पेट कराएं। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर पेड़-पौधे लगाएं।