घर में मौजूद सदस्य बार-बार किसी न किसी बीमारी से जूझते रहते हैं। एक बीमारी खत्म नहीं होता है कि दूसरी लग जाती है।
सफाई, सेहत का पूरा ख्याल रखने के बावजूद बीमारी साथ नहीं छोड़ रही है, तो ये आपकी किचन के कारण भी हो सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, वास्तु दोष के अलावा घर में मौजूद किचन सही दिशा में न होने के कारण भी परिवार के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
आइए जानते हैं वास्तु के हिसाब से किचन को किस दिशा में होना माना जाता है अच्छा
घर में मौजूद किचन का सही दिशा में होना काफी जरूरी मानते हैं, क्योंकि गलत दिशा में होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है, जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
वास्तु के हिसाब से घर की पूर्व दिशा में किचन होना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिशा से सकारात्मक ऊर्जा अधिक उत्पन्न होती है, जिससे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि तत्व का स्थान माना जाता है। ऐसे में इस दिशा में किचन के होने से शुभ फल मिलते हैं।
वास्तु के अनुसार, घर में पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल के तत्वों का उचित संतुलन होना चाहिए।
वास्तु के हिसाब से कभी भी पश्चिम या फिर दक्षिण मुख वाली किचन नहीं होनी चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा अधिक उत्पन्न होती है, जिससे सुस्ती के साथ बार-बार बीमारियों होती है।
वास्तु के हिसाब से भोजन बनाते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। इससे स्वास्थ्य के अलावा वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है।