ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती और वट सावित्री का संयोग, इन उपायों को करने से मिलेगा लाभ

ज्येष्ठ अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन स्नान दान करना शुभ माना जाता है।

ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती के साथ वट सावित्री व्रत रखा जा रहा है। इस साल अमावस्या 6 जून को पड़ रही है।

इस दिन स्नान दान के साथ सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करेंगी। इसके साथ ही शनिदेव की पूजा करना शुभ होगा।

आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को कौन से ज्योतिषीय उपायों करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

करें इन चीजों का दान

ज्येष्ठ अमावस्या पर स्नान करने के साथ काले तिल, दूध आदि का दान करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।

पीपल के पेड़ की पूजा

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में कच्चा दूध, काले तिल, चीनी, फूल और जल अर्पित करें। इसके साथ ही  'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें।  इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

करें सूर्य को अर्घ्य

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगाजल, फूल और जल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके साथ ही आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

काले कुत्ते को खिलाएं रोटी

इस दिन काले कुत्ते को घी या तेल लगी रोटी खिलाएं। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही शनि की महादशा का दुष्प्रभाव कम होगा।

पीपल की समक्ष जलाएं दीपक

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का व्रत रखकर पीपल में जल चढ़ाएं। इसके साथ ही शाम को घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। जिसमें कलावा की बाती का इस्तेमाल करें।