होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन को लेकर काफी लोगों का सवाल है कि ये 13 या फिर 14 मार्च को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होलाष्टक की शुरुआथ 7 मार्च से हुई है।
होलिका दहन के अगले दिन 14 मार्च को होली मनाई जाएगी।
होलिका दहन के दिन पूजा-अर्चना और दान करने से साधक के जीवन में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं पूजा का समय और इससे जुड़ी सारी जानकारी।
फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 13 मार्च सुबह 10:35 मिनट पर और समापन अगले दिन 14 मार्च दोपहर 12:23 पर होगा।
वहीं, इस बार होली पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। मान्यता है कि काम सफल नहीं होते हैं।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11: 26 मिनट से 12: 30 तक है।
होलिका में नारियल, काला तिल, जौ, गेहूं और उसकी बालियां, चांदी के कलश से जल और गुलाल, गाय का गोबर, सरसों के दाने, पान, सुपारी, गुण, उपले, अक्षत और ताजे फूल, लौंग और कपूर डालने की मान्यता है।