हनुमान जी को भगवान शिव का रुद्र अवतार माना जाता है। जिनका जन्म भगवान श्री राम की सहायता के लिए हुआ था।
माना जाता है कि सिर्फ हनुमान जी है, जो कलयुग में धरती पर मौजूद है।
भगवान हनुमान की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों, दुख-दर्द से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
हर देवी-देवता की तरह ही हनुमान जी की पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है।
हनुमान जी की आरती करते समय इन नियमों का जरूर पालन करें। ऐसा करने से सुख-शांति, समृद्धि की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी की पूजा करते समय हमेशा पीतल, चांदी या फिर तांबे की थाली का इस्तेमाल करना चाहिए।
हनुमान जी की आरती दिन में दो बार यानी सुबह और शाम के समय अवश्य करें।
हनुमान जी की आरती के लिए पीतल या फिर आटे का दिया, घी और कपूर के साथ 5 रूई की बत्तियां जलाएं।
हनुमान जी की आरती करते समय ध्यान रखें कि एक, पांच या फिर सात बाती ही जलाएं।
आरती थाली में फूल, अक्षत, बूंदी या बेसन के लड्डू रखें।
सही उच्चारण के साथ आरती कर लें। इसके बाद ही घंटी और शंख का नाद करें।