इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025, शनिवार को लगने जा रहा है। इससे पहले 14 मार्च को चंद्र ग्रहण पड़ा था। यह सूर्य ग्रहण खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से खास माना जा रहा है, क्योंकि इसके ठीक अगले दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। आइए जानते हैं कि यह सूर्य ग्रहण कब लगेगा, कहां दिखाई देगा और इसका ज्योतिषीय प्रभाव क्या रहेगा।
यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो दोपहर 2:21 बजे से शुरू होकर शाम 6:16 बजे तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की होगी।
इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी एशिया, उत्तर पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर और उत्तरी ध्रुव के कुछ हिस्सों में ही देखा जा सकेगा।
भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल वह समय होता है जब ग्रहण की अवधि के दौरान धार्मिक कार्यों पर रोक लगाई जाती है। इसलिए, इस बार भारत में किसी भी धार्मिक कार्य पर रोक नहीं रहेगी, और लोग अपने नियमित कार्यों को बिना किसी रोक-टोक के कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ परंपरागत सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। जैसे, ग्रहण के समय भोजन करना वर्जित माना जाता है। खुले इलाकों में न जाने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय सोना उचित नहीं माना जाता।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान बाहर जाने से बचें और मंत्रों का जाप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने और घर को शुद्ध करने की परंपरा है।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। यह ग्रहण खासतौर पर कुछ राशियों पर अच्छा और कुछ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मेष, मिथुन, कन्या और मीन राशियों के लिए यह ग्रहण अशुभ माना जा रहा है।
वहीं वृषभ, सिंह और मकर राशियों के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा और उन्हें इससे लाभ हो सकता है।
यह साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण है। ग्रहण के अगले दिन से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। भारत में यह दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।