बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री यानी चारों धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। बद्रीनाथ मंदिर से कुछ ऐसे चमत्कार जुड़े हैं जिनके बारे में शायद ही किसी को पता हो।
शीत ऋतु में बद्रीनाथ धाम के कपाट 6 महीने के लिए बंद किए जाते हैं। कपाट जब बंद होते हैं तो मंदिर में दीपक जलाया जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, जब मंदिर 6 महीने तक बंद रहता है तो भगवान इस दीपक को जलाए रखते हैं। वहीं, कपाट खुलने पर जलते दीपक के दर्शन करने का भी विशेष महत्व बताया गया है।
कहा जाता है कि, बद्रीनाथ धाम में भगवान की पूजा के वक्त शंख नहीं बजाया जाता है।
इस धाम को लेकर ये भी मान्यता है कि 'जो जाए बदरी, वो ना आए ओदरी' इसका अर्थ हुआ जो भी बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे माता के उदर यानी गर्भ में फिर नहीं आना पड़ता है।
वहीं, इस बार बद्रीनाथ धाम में जो नजारा देखने को मिला वो किसी चमत्कार से कम नहीं था। दरअसल, जब कपाट 6 माह के लिए बंद होता है तब भगवान बद्रीनाथ को घृत कंबल ओढ़ाया जाता है। इस घृत कंबल में घी का लेप लगाया जाता है।
इस बार जब मंदिर के कपाट खेले गए तब घृत कंबल पर लगा घी का लेप कम तापमान में भी जस का तस मिला। तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि घृत कंबल पर लगे घी का न सूखना देश के लिए शुभ है। इससे देश में खुशहाली आती है।
मान्यताओं के अनुसार, अगर घृत कंबल से घी सूख जाता है तो हिमालय क्षेत्र में सूखे और देश में मुसीबत आती है।
बता दें कि, बद्रीनाथ धाम दो पर्वतों नर और नारायण के बीच बसा है। मान्यताओं के अनुसार, यहां भगवान विष्णु के अंश नर और नारायण ने तपस्या की थी। नर अपने अगले जन्म में अर्जुन और नारायण श्रीकृष्ण के रूप में पैदा हुए थे।