सावन का महीना महादेव को समर्पित है और इस पूरे मास में उनकी पूजा और आराधना की जाती है।
उपासक शिवलिंग की पूजा करते हैं और ज्योतिर्लिंग के भी दर्शन करते हैं। साथ ही जलाभिषेक भी करते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है या फिर दोनों एक ही हैं? आइए जानते हैं:
दोनों का मतलब अलग है। शिवपुराण के मुताबिक, जहां-जहां महादेव ज्योति यानी प्रकाश के रूप में प्रकट हुए उन स्थानों को ज्योतिर्लिंग कहा गया।
वहीं, शिवलिंग महादेव का एक ऐसा प्रतीक है जिसे भक्तों ने पूजा के लिए बनाया है।
शिवलिंग का मतलब अनत (जिसका कोई अंत नहीं) होता है। शिवलिंग को स्थापित कर पूजा की जाती है।
भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं जो देश के अलग-अलग हिस्सों में हैं। मान्यता है कि इनके दर्शन से उपासक के जीवन में सुख-शांति आती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की नियमित पूजा करने से उपासक के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है और महादेव का आशीर्वाद मिलता है।