ये 4 चीजें बनती हैं मौत का कारण, आज ही बना लें दूरी

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में जीवन के विकट परिस्थितियों को सुलझाने की कोशिश की।

चाणक्य की ये नीतियां हमेशा व्यक्ति के जीवन के लिए उपयोगी मानी जाती है।

ऐसे ही श्लोक में चाणक्य मे ऐसे चार चीजों के बारे में बताया है, जो व्यक्ति के मौत का कारण भी बन सकती है।

श्लोक

दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः। ससर्पे गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः॥

श्लोक का अर्थ

दुष्ट पत्नी , शठ मित्र , उत्तर देने वाला सेवक तथा सांप वाले घर में रहना मृत्यु का कारण बन सकता है।

दुष्ट पत्नी

अगर किसी सज्जन व्यक्ति की पत्नी दुष्ट है, तो वह पूरे घर को तबाह कर सकती है। ऐसे में पति आत्महत्या करने में विवश हो जाता है।

धूर्त मित्र

धूर्त मित्र से अच्छा कोई मित्र न होना बेहतर है, क्योंकि वह अपने स्वार्थ के लिए आपको परेशानी में भी डाल सकता है।

उत्तर देने वाला सेवक

अगर आपका नौकर बात-बात पर जवाब देता है, तो वह कभी भी आपको धोखा दे सकता है। इससे आपकी जान पर भी बन सकती है।

सांप का वास

घर में अगर सांप का वास है, तो उसे हटा दें या फिर घर छोड़ दें, क्योंकि वह कभी भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है।