आचार्य चाणक्य ने राजनीति और अर्थशास्त्र के अलावा आयुर्वेद के भी कई ग्रंथ लिखे हैं।
चाणक्य द्वारा लिखी गई नीतियों को व्यक्ति जीवन में अपने मुकाम को पा सकता है।
आचार्य चाणक्य ने ऐसे ही बताया है कि आखिर व्यक्ति को किस समय पानी नहीं पीना चाहिए।
अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्। भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।
अपच के वक्त पानी दवा का काम करता है। अपच की समस्या से निजात दिलाने में पानी काफी मदद कर सकता है।
इस श्लोक के अनुसार,भोजन पचने के बाद पानी पी लिया जाए, तो यह शक्ति प्रदान करता है।
इन सब से अलग आखिर टिप में न्यूट्रिशनिस्ट डायबिटीज पेशेंट्स को हर 2-3 घंटे में कुछ-कुछ खाने की सलाह देती हैं। न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, एक साथ बहुत अधिक खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में खाने से ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है। इस तरह ये 3 आसान तरीके डायबिटीज को रिवर्स करने में मददगार हो सकते हैं।
अगर आप भोजन करने के तुरंत बाद पानी पीते हैं, तो यह जहर का काम करता है। इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी बिल्कुल न पिएं।