हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कुल 4 नवरात्र आते हैं, जिसमें शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि शामिल हैं।
यूं तो इन सभी नवरात्रि का महत्व होता है, लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्रि ज्यादा महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर होता है?
बहुत से लोग चैत्र और शारदीय नवरात्रि में कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि चैत्र और शारदीय में क्या अंतर होता है।
चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में पड़ती है।
यह नवरात्रि वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है और देवी दुर्गा की आराधना के लिए मनाई जाती है। इस दौरान भी देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, लेकिन इसे चैत्र नवरात्रि के रूप में जाना जाता है।
शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ती है।
चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नौवें दिन रामनवमी मनाई जाती है।
शारदीय नवरात्रि में भी मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। लेकिन शारदीय नवरात्रि के दशवें दिन दशहरा मनाया जाता है।