हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के अंतिम दिन या अष्टमी/नवमी पर कन्या पूजन किया जाता है, जिसमें छोटी-छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उन्हें पूजा जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है।
इस विशेष भोज को कंजक भोजन कहा जाता है। यह भोजन पूरी तरह सात्विक और प्रेम से बना होना चाहिए। अगर आप भी कन्या पूजन की तैयारी कर रहे हैं तो आइए जानते हैं कि कन्या भोज की थाली में कौन-कौन सी चीजें जरूर होनी चाहिए और भोग बनाते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखें।
कन्या भोज की थाली में सबसे जरूरी व्यंजन हैं – सूजी का हलवा, पूड़ी और काले चने। धार्मिक मान्यता है कि यह त्रय देवी मां को अत्यंत प्रिय है और इनके बिना भोग अधूरा माना जाता है। इन तीनों चीजों के मेल से न सिर्फ थाली पूर्ण होती है, बल्कि कंजकों को भी यह स्वादिष्ट प्रसाद बहुत पसंद आता है।
इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि हलवा देसी घी में भुनी हुई सूजी से तैयार किया जाए। पूड़ी गरमागरम और नरम होनी चाहिए। काले चने बिना लहसुन-प्याज के सात्विक मसालों में उबाले या हल्के तड़के के साथ बनाए जाएं।
खीर को हर शुभ अवसर पर बनाया जाता है। नवरात्रि के भोग में भी इसका विशेष महत्व है। आप चावल की खीर, या चाहें तो सेवई या साबूदाने की खीर भी बना सकते हैं। इसे गाढ़े दूध, चीनी और मेवे के साथ सात्विक ढंग से तैयार करें। खीर को सबसे पहले देवी मां को अर्पित करें, फिर कन्याओं को परोसें।
कन्याओं को मौसमी फल देना भी आवश्यक माना जाता है। केला, सेब, अनार या अंगूर जैसे फल शामिल कर सकते हैं। मिठाई में लड्डू, बताशे, बेसन या नारियल की बर्फी आदि दी जा सकती हैं। यह मिठाई सात्विक होनी चाहिए और किसी भी बाजारू मिलावट से मुक्त हो।
पूड़ी के साथ अगर कोई स्वादिष्ट सब्जी न हो तो थाली अधूरी लगती है। आप आलू-टमाटर, सीताफल, कद्दू की सब्जी बना सकते हैं। याद रखें – लहसुन और प्याज का इस्तेमाल न करें, और मसाले हल्के रखें। सिर्फ जीरा, सेंधा नमक, हल्दी, हरा धनिया जैसे तत्वों से स्वादिष्ट सब्जी बनाई जा सकती है।
भोजन के बाद कन्याओं को पानी पिलाना, टीका लगाना, और दक्षिणा या उपहार देना शुभ माना जाता है। उपहार में कोई छोटी सी चीज – जैसे कि क्लिप, चूड़ी, रुमाल या स्टेशनरी भी दी जा सकती है। यह उनके लिए एक यादगार अनुभव बनता है।
भोग बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान भोजन बनाते समय मन शांत और शुद्ध होना चाहिए। रसोई और बर्तन पूरी तरह स्वच्छ हों। किसी भी नॉन-सात्विक चीज का इस्तेमाल न करें (लहसुन, प्याज, मेयोनीज़ आदि)। सबसे पहले प्रसाद मां को अर्पित करें, फिर कन्याओं को परोसें। भोजन प्रेम से और संपूर्ण श्रद्धा के साथ बनाएं।