28 मार्च 2025, शुक्रवार दोपहर म्यांमार के केंद्रीय क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद 6.8 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।
भूकंप के झटके म्यांमार के साथ-साथ उत्तर थाईलैंड और चीन के युन्नान प्रांत तक महसूस किए गए।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में मेट्रो और रेल सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं। बैंकॉक में ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग घबराकर सड़कों पर आ गए।
वियतनाम में हनोई और हो ची मिन्ह सिटी में भी हल्के झटके महसूस किए गए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भारत के कोलकाता और मणिपुर के कुछ हिस्सों में भी हल्के झटके महसूस किए गए।
इसके अलावा, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर, नोएडा और गाजियाबाद में भी कंपन महसूस हुआ। हालांकि, भारत में अब तक किसी नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
भूकंप का प्रभाव बैंकॉक में सबसे ज्यादा देखा गया, जहां कई ऊंची इमारतें हिलने लगीं और लोग घबराकर सड़कों पर आ गए।
प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनवात्रा ने स्थिति की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकॉक की कई ऊंची इमारतों में लगे स्विमिंग पूल के पानी में उफान आ गया।
भूकंप इतना शक्तिशाली था कि ऊंची इमारतों के स्विमिंग पूलों का पानी झरने की तरह बाहर गिरता हुआ दिखाई दिया। इससे भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
म्यांमार वर्तमान में एक भीषण गृहयुद्ध का सामना कर रहा है, जिससे संचार और आपदा राहत कार्यों में बाधा आ सकती है।
म्यांमार में भूकंप से 25 लोगों की मौत की खबर आ रही है। वहीं, नेपिता में कुछ प्राचीन बौद्ध मंदिरों और पगोडाओं को नुकसान पहुंचा है।
भूकंप के झटकों के बाद जर्मनी के जीएफ़ज़ेड सेंटर फ़ॉर जियोसाइंसेज़ ने कहा कि यह एक उथला भूकंप था, जो सतह के बहुत करीब आया, जिससे झटकों की तीव्रता अधिक महसूस हुई।
चीन के भूकंप निगरानी केंद्र ने इसे 7.9 तीव्रता का बताया है।
अब तक किसी भी देश ने आधिकारिक रूप से नुकसान या हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
हालांकि, विशेषज्ञों ने अफ़्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटकों) को लेकर चेतावनी जारी की है। नागरिकों को सतर्क रहने और ऊंची इमारतों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।