दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल बाद राजधानी में शानदार जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त देते हुए, बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता पर कब्जा कर लिया है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे पहले दिल्ली में कितनी बार बीजेपी की सरकार बनी थी? आइए, दिल्ली में बीजेपी के राजनीतिक सफर पर नजर डालते हैं।
दिल्ली में 1952 से 1956 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकार रही थी, लेकिन इसके बाद 37 साल तक (1956-1993) दिल्ली में मुख्यमंत्री का पद ही नहीं था। 1 नवंबर 1956 को दिल्ली को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया और 37 वर्षों तक यहां उपराज्यपाल शासन करते रहे।
1993 में दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ और फिर से चुनाव होने लगे। इसी साल दिल्ली को एक बार फिर मुख्यमंत्री मिला और बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 1993 में हुए थे, जिसमें बीजेपी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई। हालांकि, इस कार्यकाल में बीजेपी को तीन बार मुख्यमंत्री बदलने पड़े।
बीजेपी के मदन लाल खुराना दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने करीब 27 महीने तक मुख्यमंत्री पद संभाला। कुछ विवादों के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
मदन लाल खुराना के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने साहिब सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। वे करीब 31 महीने तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे।
साहिब सिंह वर्मा के बाद बीजेपी ने सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया। वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 52 दिन का रहा।
1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित लगातार तीन बार (1998-2013) दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। वे दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली नेता बनीं।
2013 के चुनाव में बीजेपी ने 32 सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत नहीं मिला। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 28 सीटें जीतीं और कांग्रेस (8 सीट) के समर्थन से सरकार बनाई। अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने, लेकिन 48 दिनों बाद इस्तीफा दे दिया।
2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गई। 2020 में फिर से 'आप' को बड़ी जीत मिली और उसने 62 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी 8 सीटें ही जीत पाई।
अब, 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त वापसी की है और बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को भारी नुकसान हुआ है।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े नेता चुनाव हार चुके हैं। वहीं, जीत की खुशी में बीजेपी कार्यालय में जश्न मनाया जा रहा है और दिल्ली में 27 साल बाद फिर से बीजेपी सरकार बनने जा रही है।