हिंदू धर्म में शादी के बाद महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं। ये उनकी सुहाग की निशानी होती है और साथ इससे ये भी पता चलता है कि वो शादीशुदा है।
ऐसे में आइए जानते हैं मांग में सिंदूर लगाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या है:
सिंदूर लगाने के पीछे मान्यता है कि यह पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन का प्रतीक है।
इसके साथ ही एक शादीशुदा महिला की पहचान भी माना जाता है। हिंदू धर्म में यह परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार मांग में सिंदूर भरने वाली महिलाओं की रक्षा देवी पार्वती करती हैं और उनके पति को नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं।
सिंदूर शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसे सुखी वैवाहिक जीवन का भी प्रतीक माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार सिंदूर लगाने से महिला की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसके साथ ही ये महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक है।
विज्ञान के अनुसार सिंदूर हल्दी और चूने के मिश्रण से बनाया जाता है। इसे मांग के बीच में लगाने से तनाव और मानसिक दबाव को कम करने में मदद मिलती है।
इसके साथ ही सिंदूर लगाने से महिलाओं के शरीर में एनर्जी बना रहता है और साथ ही ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।