Jaya Kishori का कैसा था बचपन?

Apr 14, 2025, 02:37 PM

कथावाचक जया किशोरी को आज देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी जाना पहचाना जाता है।

जया किशोरी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। ऐसे में लोग उनकी बचपन के बारे में भी जानना चाहते हैं।

जया किशोरी कहती हैं कि मैं इतनी चंचल थी कि एक जगह मेरा पैर नहीं ठहरता था। मैं किसी से बात करती ही रहती थी।

बचपन में थी अच्छी दोस्ती

जया किशोरी बचपन में सभी के घर जाया करती थीं, जिससे आस-पड़ोस में कुछ अच्छे दोस्त बन गए थे।

चुप रहना नहीं आताः जया किशोरी

वह बताती हैं कि मुझे बचपन से ही बोलने की आदत है। मैं 3-4 घंटे कथा में आसानी से बोल सकती हूं।

बचपन से हुई है बोलने की प्रैक्टिस

जया किशोरी बताती हैं कि उनकी बोलने की प्रेक्टिस बचपन से ही रही है। वह कहती हैं कि मुझे चुप रहना आता नहीं था, मैं बहुत बात करती थी।

कम उम्र में शुरू किया भजन गाना

जया किशोरी कहती हैं कि मैंने बचपन से ही भजन गाना शुरू कर दिया था और जब भी 11-12 साल की उम्र की थी तब पहली कथा कही थी।

कथा सुन रोने लगते थे पिता और दादा

वह कहती हैं कि मेरे पिता और दादा जी स्वामी रामसुखदास की कथा सुनते थे और रोने लगते थे।