Mar 10, 2025
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना सेहत के लिए बेहद जरूरी है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए। ब्रेड हमारी रोजमर्रा की डाइट का अहम हिस्सा है, खासकर नाश्ते में।
Source: pexels
बहुत से लोग यह मानते हैं कि टोस्टेड ब्रेड साधारण ब्रेड की तुलना में ब्लड शुगर पर कम प्रभाव डालती है। लेकिन क्या यह सच में सही है? आइए जानते हैं कि टोस्टिंग का ब्रेड की स्ट्रक्चर और ब्लड शुगर पर क्या असर पड़ता है।
Source: pexels
जब ब्रेड को टोस्ट किया जाता है, तो उसमें मौजूद स्टार्च का स्ट्रक्चर बदल जाता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज होता है। यह प्रक्रिया ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने की संभावना को 25% तक कम कर सकती है।
Source: pexels
टोस्ट करने से ब्रेड के कैलोरी काउंट में कोई बदलाव नहीं आता है। चूंकि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा वही रहती है, इसलिए टोस्टिंग केवल इसके टेक्सचर और ग्लाइसेमिक प्रभाव को बदलता है।
Source: pexels
ब्रेड को गर्म करने से उसमें मौजूद नमी कम हो जाती है और स्टार्च का फॉर्म बदल जाता है। कुछ लोगों के लिए यह पचाने में आसान हो सकता है, खासकर जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।
Source: pexels
टोस्टेड ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) सामान्य ब्रेड से कम होता है। GI वह मापदंड है, जो बताता है कि कोई फूड आइटम ब्लड शुगर को कितनी तेजी से बढ़ाता है। कम GI वाले फूड्स ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
Source: pexels
अगर ब्रेड को पहले फ्रीज़ किया जाए और फिर टोस्ट किया जाए, तो यह प्रक्रिया उसमें रेसिस्टेंट स्टार्च (Resistant Starch) बना देती है, जो आंतों के लिए फायदेमंद होता है। इस तरीके से टोस्टेड ब्रेड खाने से ब्लड शुगर स्पाइक्स को 40% तक कम किया जा सकता है।
Source: pexels
टोस्टिंग से ब्रेड में मौजूद पोषक तत्वों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है, लेकिन अधिक टोस्टिंग या जलने की स्थिति में इसमें एक्रिलामाइड (Acrylamide) नामक तत्व बन सकता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए ब्रेड को हल्का सुनहरा ब्राउन करने तक ही टोस्ट करें और जलाने से बचें।
Source: pexels
मीठा खाने के बाद तुरंत पीते हैं पानी? जानिए कौन सी गंभीर बीमारी कर सकती है परेशान