किडनी प्रति मिनट लगभग आधा कप ब्लड को छानते हैं, वेस्ट और एक्सट्रा पानी को निकालकर यूरिन बनाते हैं। यह अंग मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है।
हालांकि, किड़नी की बीमारी के लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते। ऐसे में हम आपको किडनी की बीमारी का संकेत देने वाले 7 लक्षण बताएंगे।
किडनी की डैमेज के सबसे सरल लक्षणों में से एक पेशाब में बदलाव है। पेशाब झागदार या बुलबुलेदार दिखाई दे सकता है, और इसकी टेक्सचर, रंग और मात्रा में बदलाव हो सकता है, और कुछ खून के धब्बे भी दिखाई दे सकते हैं।
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, किडनी की क्षति वाले लोगों को किडनी द्वारा यूरिन में बड़ी मात्रा में प्रोटीन के रिसाव के कारण आंखों के आसपास सूजन का अनुभव हो सकता है।
किडनी की कार्यक्षमता में कमी से ब्लड में टॉक्सिन और अशुद्धियों का निर्माण हो सकता है। इससे एनीमिया भी हो सकता है, जिसमें रेड ब्लड सेल की संख्या कम हो जाती है। इन दोनों स्थितियों से लोगों को थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
गुर्दे की गंभीर बीमारियों के साथ आमतौर पर मिनरल और हड्डियों से जुड़ी बीमारियां भी होती हैं, जो शरीर में ड्राय और खुजलीदार त्वचा के रूप में दिखाई देती हैं।
किडनी की कार्यक्षमता में कमी के कारण, रक्त फ़िल्टर नहीं हो पाता और उसमें अपशिष्ट जमा हो जाता है। इससे खाने का स्वाद बिगड़ सकता है और सांसों की दुर्गंध जैंसी समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी क्षतिग्रस्त होने पर अतिरिक्त फ्लूइड को संसाधित और उत्सर्जित नहीं कर पाते, जिससे फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। एनीमिया के साथ मिलकर यह सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है।
किडनी की कार्यक्षमता में कमी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। इस प्रकार, कैल्शियम के लोअर लेवल और फॉस्फोरस के खराब नियंत्रण जैसी स्थितियों से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।