आज की तेज रफ्तार जिंदगी में नींद की कमी आम समस्या बन चुकी है। काम का दबाव, मोबाइल-स्क्रीन का बढ़ता इस्तेमाल और तनाव के कारण लोगों की नींद लगातार प्रभावित हो रही है।
डॉक्टरों के अनुसार हर व्यक्ति को 7 से 9 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लेनी चाहिए, लेकिन अध्ययन बताते हैं कि 30 से 40 प्रतिशत वयस्क पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। इसी कमी को पूरा करने के लिए दुनियाभर में ‘स्लीप टूरिज्म’ नामक नया ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
स्लीप टूरिज्म में लोग छुट्टियां मनाने का मुख्य उद्देश्य नींद और आराम को बनाते हैं। यहां न तो भीड़-भाड़ वाले टूरिस्ट स्पॉट्स पर घूमना होता है और न ही व्यस्त शेड्यूल से जूझना पड़ता है। बल्कि, यात्रियों को ऐसे होटल और रिसॉर्ट्स में ठहराया जाता है जो नींद को बेहतर बनाने के लिए खास सुविधाएं देते हैं।
AI-इनेबल्ड मैट्रेस और तकिए जो सोने की पोजिशन और बॉडी टेम्परेचर को एडजस्ट करते हैं। साउंडप्रूफ रूम, ब्लैकआउट पर्दे और वेटेड ब्लैंकेट्स ताकि कोई व्यवधान न हो।
अरोमा थैरेपी, एसेंशियल ऑयल डिफ्यूजर और पिलो मेन्यू नींद को गहरा और सुकूनभरा बनाते हैं। योग, मेडिटेशन, स्पा ट्रीटमेंट्स और न्यूट्रिशन वर्कशॉप्स जैसी गतिविधियां तनाव को कम करके नींद की गुणवत्ता सुधारती हैं।
स्लीप टूरिज्म के लिए लोग शांत और प्राकृतिक जगहों का चुनाव करते हैं। जंगलों के बीच बने रिट्रीट्स, डेजर्ट ग्लैम्पिंग, मिनरल हॉट स्प्रिंग्स या समुद्र किनारे बने रिसॉर्ट्स इस ट्रेंड का हिस्सा हैं। वहीं, कुछ हाई-एंड रिट्रीट्स नींद विशेषज्ञों से कंसल्टेशन, स्लीप ट्रैकिंग और मेडिकल अससेसमेंट जैसी सुविधाएं भी देते हैं।
कोविड-19 महामारी के बाद लोगों की नींद की आदतें और ज्यादा बिगड़ गईं। तनाव, चिंता और वर्क-फ्रॉम-होम कल्चर ने आराम की कमी को और गहरा कर दिया।
अब यात्रा करने वाले लोग सिर्फ घूमने-फिरने के लिए नहीं बल्कि मानसिक शांति और गुणवत्तापूर्ण नींद के लिए भी छुट्टियों की योजना बना रहे हैं। हिल्टन की 2024 ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार अब यात्रा का सबसे बड़ा मकसद “रेस्ट और रिचार्ज” बन चुका है।