May 24, 2023Priya Sinha
Source: Freepik
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हिंदू धर्म में गोत्र का काफी बड़ा महत्व होता है।
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गोत्र का चलन एक ही खून से संबंधित रखने वालों के बीच शादी को रोकने के लिए किया गया था।
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एक ही गोत्र में शादी इसलिए नहीं करते हैं क्योंकि एक गोत्र से अर्थ है कि दोनों के ही पूर्वज है और ऐसे में लड़का और लड़की आपस में भाई-बहन लगेंगे।
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जान लें, माता के गोत्र और पिता के गोत्र को छोड़कर आप किसी भी गोत्र में विवाह कर सकते हैं।
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार अगर कोई एक ही गोत्र में शादी करता है तो वैवाहिक जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं।
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वहीं, ज्योतिषियों की मानें तो सात पीढ़ियों के बाद गोत्र बदल जाता है और फिर ऐसी स्थिति शादी किया जा सकता है।
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