Jan 28, 2024
वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज अपने धार्मिक विचारों के लिए काफी लोकप्रिय हैं। लोग उनके दर्शन के लिए बेताब रहते हैं। उनके द्वारा बताई गईं कुछ आदतें इंसान को तुरंत छोड़ देनी चाहिए वरना बर्बादी का कारण बन सकती हैं।
Source: @Premanand Ji Maharaj/FB
थोड़ा सा अपमान होने पर यदि बहुत ज्यादा क्रोध आने लगे तो यह आपके ही विनाश का कारण बन सकता है। मन में द्वेष कभी नहीं आने देना चाहिए।
यदि कोई पशु, पक्षी या मनुष्य आपकी शरण में आ जाए तो निश्चित ही आपको उसकी रक्षा करनी चाहिए। ऐसा न करने वालों के पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
यदि कोई व्यक्ति उत्साहित या प्रेरित होकर पाप कर रहा है तो उसकी दुर्गति होनी भी निश्चित है। ऐसे लोगों को ईश्वर कभी क्षमा नहीं करते।
प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, जरूरतमंदों की सहायता न करने वालों के पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
दान देने की बात कहकर मुकर जाना या दान देकर पश्चाताप करने वालों के भी पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
जो लोग बच्चे, बुजुर्ग, स्त्री या असहाय लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं उनकी दुर्गति भी निश्चित है।
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, जो इंसान अपने मुख से अपनी प्रशंसा करता है उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और उसके पुण्य भी नष्ट हो जाते हैं।
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