Mar 19, 2024
पारसी समुदाय के लोगों के लिए नौरोज (Nowruz) बेहद ही खास पर्व है। इस दिन को वो नववर्ष के रूप में मनाते हैं। माना जाता है कि नौरोज के दिन रात और दिन की लंबाई लगभग एक समान होती है।
Source: @Nowruz Festival/FB
इस मौके पर ट्रैवलिंग डांस पार्टी डिस्को तेहरान (Disco Tehran) पेरिस, लंदन और बर्लिन में नौरोज समारोह का आयोजन करेगा।
Source: @discotehran.nyc/Insta
बता दें कि, डिस्को तेहरान (Disco Tehran) लॉस एंजिल्स और न्यूयॉर्क में काफी फेमस है। अब आइए जानते हैं नौरोज के इतिहास के बारे में:
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पारसी समुदाय के लोग नौरोज फारस के राजा की याद में मनाते हैं। बताया जाता है कि, इस त्योहार के मनाने की शुरुआत करीब 3500 वर्ष पूर्व हुई थी।
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कहा जाता है कि, नौरोज त्योहार का नाम पारसी राजा जमशेद (जमशेद-ए-नौरोज) के नाम पर रखा गया था। पारसी लोगों का मानना है कि राजा जमशेद ने ही दुनिया को तबाह होने से बचाया था।
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इसी समय राजा जमशेद की ताजपोशी भी हुई थी। तब से इस दिन को पारसी लोग नए साल के रूप में मनाते आ रहे हैं। हालांकि, इसे लेकर कई और मान्यताएं भी हैं।
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इस पर्व के दिन पारसी लोग एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं और तोहफा देते हैं। घरों को रंगोली से सजाया जाता है और तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। इस पर्व में करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को उपहार देने की भी परंपरा है।
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इस दिन अफगानिस्तान में रह रहे पारसी सात अलग-अलग सूखे मेवों और मेवों की चाशनी में भिगोकर बनाई गई मिठाई खाते हैं।
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ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान में रह रहे पारसी इस दिन घर के चारों ओर बर्तन में पानी भर कर रखते हैं।
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