किसी का भी दिल जीत सकती हैं निदा फ़ाज़ली की ये नज्में

Mar 06, 2023Suneet Kumar Singh

कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गयाहर काम में हमेशा कोई काम रह गया

- निदा फ़ाज़ली

जब से क़रीब हो के चले ज़िंदगी से हमख़ुद अपने आइने को लगे अजनबी से हम

- निदा फ़ाज़ली

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ हैइश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

- निदा फ़ाज़ली

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलतीख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती

- निदा फ़ाज़ली

अपना ग़म ले के कहीं और न जाया जाएघर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए

- निदा फ़ाज़ली

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैंरुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं

- निदा फ़ाज़ली

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूं नहीं जाताजो बीत गया है वो गुज़र क्यूं नहीं जाता

- निदा फ़ाज़ली