होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार होली 14 मार्च को मनाई जा रही है।
इतिहासकारों की मानें तो जब मुगल शासक बाबर पहली बार भारत में लोगों को होली खेलता देखा तो वो कैफी चौक गए थे।
होली का त्योहार मुगल बादशाह बाबर को खूब पसंद आया है।
इतिहासकार बताते हैं कि, बाबर को होली इतनी पसंद आई कि हर साल इस मौके पर वो अपने हौद को शराब से भरवा देते थे।
सिर्फ बाबार ही नहीं बल्कि होली का त्योहार अकबर से लेकर शाहजहां तक जैसे मुगल बादशाहों को पसंद थी।
मुगल बादशाह अलग से रंग तैयार कराते थे जिसके लिए काफी समय पहले से ही लाल टेसू के फूल को इकट्ठा किया जाता था।
इन फूलों को पानी में उबालकर ठंडा करके हौदों में भर दिया जाता था।
वहीं, बादशाह के हरम में पानी की जगह हौदों में फूलों का रंग और गुलाब जल भरा जाता है।
सबसे पहले बादशाह अपनी बेगमों के साथ होली खेलते थे। इसके बाद आम लोगों के साथ मनाते थे।
होली के मौके पर शाही महल में किसी खास जगह पर बादशाह और जनता इकट्ठा होती थी।