सुबह-सुबह उठते ही अगर आप थकान, सांस लेने में परेशानी या सीने में किसी भी तरह की असहजता महसूस करते हैं, तो इसे नजरअंदाज करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। दिल की बीमारियों के कई शुरुआती लक्षण सुबह के वक्त ज्यादा उभरकर सामने आते हैं।
इसका कारण शरीर में सुबह के समय होने वाले हार्मोनल बदलाव, ब्लड प्रेशर का बढ़ना और हृदय पर अचानक बढ़ता दबाव हो सकता है। आइए जानें, सुबह उठते ही कौन-कौन से लक्षण दिल से जुड़ी परेशानी का संकेत हो सकते हैं—
अगर सुबह उठते ही आपको सीने में दबाव, जकड़न या जलन महसूस होती है, तो यह एंजाइना या हार्ट अटैक का शुरुआती संकेत हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी बाजू, गर्दन, जबड़े, पीठ या पेट तक फैल सकता है। यह लक्षण कुछ मिनटों के लिए आते-जाते रह सकते हैं, लेकिन इन्हें हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर बिना किसी भारी शारीरिक गतिविधि के भी सुबह उठते ही सांस फूलने लगे या हल्का-सा काम करने पर ही थकावट महसूस हो, तो यह दिल की कमजोरी या हृदय रोग का लक्षण हो सकता है।
सुबह के समय दिल की धड़कन तेज या अनियमित महसूस होना—जैसे दिल का तेजी से धड़कना, फड़फड़ाना या एक-दो बीट मिस करना—हार्ट रिदम की गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।
अगर आप सुबह उठने के बाद भी थका हुआ महसूस करते हैं या उठने में कमजोरी महसूस होती है, तो यह भी दिल से संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है। यह स्थिति हार्ट फेल्योर या कोरोनरी आर्टरी डिजीज से जुड़ी हो सकती है।
सुबह के समय चक्कर आना या खड़े होते ही सिर हल्का लगना, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट या हृदय में रक्त प्रवाह की कमी की वजह से हो सकता है।
सुबह उठते ही शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर और हृदय की धड़कन तेज हो जाती है। इससे हृदय पर दबाव बढ़ता है और छिपी हुई समस्याएं उभर कर सामने आ सकती हैं।
अगर उपरोक्त में से कोई भी लक्षण नियमित रूप से दिख रहे हैं, तो तुरंत किसी हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। ईसीजी, ईको या ब्लड टेस्ट जैसे जांचों से सही कारणों का पता लगाकर समय पर इलाज शुरू करना जरूरी है।