बारिश की रिमझिम फुहारें, ठंडी हवाएं और हरियाली भरा मौसम—ये सब कुछ बहुत सुकून देने वाला होता है। लेकिन इसी सुहाने मौसम में कई बार लोग एक परेशानी से जूझते हैं—अत्यधिक पसीना आना।
क्या आपने कभी सोचा है कि जब तापमान सामान्य से कम हो जाता है, तब भी शरीर से इतना पसीना क्यों निकलता है? चलिए इस सवाल का वैज्ञानिक जवाब जानते हैं।
1. बढ़ी हुई उमस (Humidity): बारिश के मौसम में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे हम ‘उमस’ कहते हैं। यह बढ़ी हुई नमी शरीर से निकलने वाले पसीने को त्वचा से भाप बनाकर उड़ने नहीं देती। नतीजा यह होता है कि शरीर और ज्यादा पसीना बनाता है ताकि खुद को ठंडा रख सके।
बारिश से पहले वातावरण गर्म और भारी महसूस होता है, जिसे हम ‘Pre-Monsoon Heat’ कहते हैं। यह तापमान उतार-चढ़ाव शरीर के टेम्परेचर कंट्रोल सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे पसीना ज्यादा आता है।
पसीना शरीर का नेचुरल कूलिंग सिस्टम है। जब उमस और गर्मी बढ़ती है, तो शरीर पसीना बनाकर खुद को ठंडा रखने की कोशिश करता है।
अगर आपको बारिश के मौसम में सामान्य से कहीं ज्यादा पसीना आता है, तो यह केवल उमस का असर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी कुछ संकेत भी हो सकते हैं: जैसे - थायरॉइड की समस्या, डायबिटीज या ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव, हार्मोनल बदलाव, स्ट्रेस या एंग्जायटी डिसऑर्डर।
इसके अलावा हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis): यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा पसीना आता है, चाहे मौसम कोई भी हो।
ढीले और सूती कपड़े पहनें, दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं, कैफीन और मसालेदार चीजें कम करें, शरीर को बार-बार ठंडे पानी से धोएं, और अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।